अपने अहंकार के चलते है 20 वर्षो से हार का स्वाद चखने वाले नेता मुद्दे छोड़ने को तैयार नही ?
जनता क्या चाहती है इसका कोई महत्त्व नही ,बस दुकानदारी चलती रहे?
सिवाना न्यूज अपडेट@सिवाना
17 अगस्त 2023 को ब्लॉक स्तरीय राजीव गांधी ओलंपिक खेलो शुभारंभ समारोह सिवाना नगर के राउमावि में आयोजित हुआ,समारोह के दौरान खिलाड़ियों से ज्यादा मंच के अतिथिगण अपनी राजनीति चमकाते नजर आए ?
कार्यक्रम के सम्मापन के बाद मीडिया से रूबरू हुए कांग्रेसी नेताओ से मीडिया ने सवाल कर राजनीति मंशा जाने का प्रयास किया , क्या आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस एक जुट नजर आएगी ?
लेकिन मारवाड़ी में एक कहावत है कि दिल की बात कितनी भी छुपाने की कोशिश करो जुबा पर आ ही जाती है मीडिया से रूबरू होते हुए कांग्रेसी नेताओं के जुबा से निकल गया कि स्थानीय को टिकट मिले हम सभी एक है ?
मीडिया से रूबरू होने व पिछले कुछ से समय जुबानी चर्चाओं एवम शोशल मीडिया पर वायरल होने वाले प्रेस नोटो को देखे तो सिवाना क्षेत्र के कुछ पुराने लीडर मानने को तैयार ही नही है कि हमारे अलावा कोई विधायक बनकर जयपुर जाएं ? इसका उदाहरण पिछले 20 वर्षों के चुनावों को देखा जा सकता है ?
2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पंकज प्रतापसिह को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा था इन्ही नेताओ ने पंकज प्रतापसिह को बाहरी बताकर अपना निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतार दिया था,नतीजा खुद भी हारे एवम पार्टी की पूरी तरह से मिट्टी पलित करवा दी ? गलियों की चौपालो में चल रही चर्चाओं को सुने तो क्या इस बार भी उसी मंशा से बयान बाजी हो रही है ?
यह उम्मीदवार किस देश/प्रदेश से थे जिनको आपसी खींचतान ने हरवा दिया था
गोपाराम मेगवाल को 2003 के चुनाव में हार का मुह देखना पड़ा
बालाराम चौधरी को 2008 के चुनाव में तो
महंत निर्मलदास को 2013 के चुनाव में
2018 के चुनावों में पंकज प्रतापसिह को हार का मुह देखना पड़ा था ।
अब इसे क्या कहे जनता की बेख़ुफ़ि या नेताओ की दुकानदारी ,बर्बादी तो क्षेत्र में होने विकास की ही है.......??
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